-विक्रम यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों में दिसंबर में हो सकती है सेमेस्टर परीक्षा, हजारों विद्यार्थी होंगे प्रभावित









-आमतौर पर नवंबर में शुरु होती है सेमेस्टर परीक्षाएं



विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक दलों की चिंता तो बढ़ी हुई है। प्रशासन भी तैयारियों में जुटा है। इन दोनों के बीच कॉलेजों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। यह इसलिए क्योंकि चुनाव के चलते यूनिवर्सिटी की सेमेस्टर परीक्षाएं एक माह देरी से होगी। परीक्षाएं देरी से होने का एक अर्थ यह भी है कि परिणाम भी देरी से ही आएगा, जिसका सीधा असर विद्यार्थियों पर पड़ेगा।

दरअसल आमतौर पर नवंबर माह में सेमेस्टर परीक्षाएं शुरु होती हैं जो दिसंबर अंत तक चलती है, लेकिन इस बार नवंबर में चुनाव होंगे। इस कारण सेमेस्टर परीक्षाएं आगे बढ़ेंगी। विक्रम यूनिवर्सिटी से संबद्ध सभी कॉलेज इससे प्रभावित होंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि मतदान के बाद दिसंबर माह में परीक्षा शुरु हो सकती है। अथवा चुनाव परिणाम के बाद परीक्षाएं करवाने पर विचार किया जा सकता है। इसे लेकर अभी तक तो यूनिर्वर्सिटी ने कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन आगामी दिनों में इस बारे में बैठक हो सकती है। यदि दिसंबर माह के मध्य में परीक्षा शुरु होती है तो भी कम से कम डेढ़ माह का समय चाहिए। ऐसे में जनवरी तक परीक्षाएं चलेंगी। परीक्षाएं देरी से होने का असर परिणामों पर पड़ेगा। मार्च में वार्षिक प्रणाली के तहत परीक्षाएं करवाने की योजना है, ऐसे में इसकी भी तैयारी करनी होगी।

सेमेस्टर सिस्टम की आखिरी बैच

जानकारी के मुताबिक विक्रम विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के करीब 30 हजार से अधिक विद्यार्थी चुनाव के चलते प्रभावित होंगे। अकेले देवास जिले में तीन-चार हजार से अधिक संख्या है। यूजी में सेमेस्टर पद्धति की यह आखिरी बैच है। क्योंकि जो परीक्षा होगी वह पांचवें सेमेस्टर की होगी। इसके बाद अप्रैल-मई में छठे सेमेस्टर की परीक्षा होगी। अब वार्षिक प्रणाली लागू हो चुकी है, इसलिए इस बैच के बाद अगले साल से सिस्टम पूरी तरह पटरी पर आएगा और साल में एक ही बार परीक्षा होगी। सबसे बड़ी समस्या यह है कि यदि छठे सेमेस्टर की परीक्षा देरी से होती है तो उसका परिणाम भी देरी से आएगा और इसके चलते विद्यार्थियों को परेशानी आ सकती है। प्रमुख परेशानी यही है कि यूजी के बाद जिन्हें पीजी में एडमिशन लेना है अथवा जॉब में जाना है उन्हें फाइनल रिजल्ट की जरुरत होगी। रिजल्ट देरी से आने पर दिक्कत होगी। संशय इस पर भी है कि यदि अगले साल लोकसभा चुनाव आ गए तो फिर परीक्षा पर असर पड़ेगा।

कोर्स पूरा करने की भी चिंता

फिलहाल परीक्षा का टाइम टेबल नहीं आया है। पूरक परीक्षा आज से शुरु होगी, जो तीन दिनों तक चलेगी। इसके अलावा एक समस्या कोर्स पूरा करने की भी है। अक्टूबर-नवंबर माह में चुनाव की गतिविधियां चलेंगी। कॉलेज प्रशासन भी चुनावी ड्यूटी में लगा है। सबसे बुरी हालत केपी कॉलेज में बीसीए कोर्स की है। इस कोर्स के लिए जभा समिति ने एक प्रोफेसर रखा था लेकिन वे भी गत दिनों चले गए। अब दूसरे प्रोफेसर की व्यवस्था की जा रही है। दूसरे विषयों में भी कोर्स अभी तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में विद्यार्थियों की चिंता भी बढ़ रही है।
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आगे बढ़ेंगी परीक्षा

लीड पीजी कॉलेज के डॉ. आरके सोहानी  ने बताया कि अभी तक यही लग रहा है कि नवंबर में चुनाव होने के चलते परीक्षाएं आगे बढ़ेंगी। परीक्षा कब होगी यह जानकारी नहीं मिल सकी है। ऐसा भी हो सकता है कि मतदान के बाद परीक्षाएं शुरु हो जाएं क्योंकि मतदान तक ही ज्यादा काम रहता है। परीक्षा में कम से डेढ़ माह लगते हैं। सेमेस्टर सिस्टम के तहत यूजी की यह आखिरी बैच है। पूरक परीक्षाएं भी आगे बढ़ाई गई है।

17 दिसंबर से होगी परीक्षा






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